Garlic Price 27 August 2024 (Today Garlic Bhav) : लहसून एक तड़के और मसाला वाली फसल है। लहसून में एलसिन तत्व पाया जाता है जिसके कारण लहसून में विशेष प्रकार की गंध और तीखा स्वाद होता है। लहसून फुल के समान होता है जिसमे कई कलियाँ पाई जाती है, जिन्हें लोग छीलकर कच्चा एवं पकाकर स्वाद के अनुसार उपयोग करते है।
भारत में लहसुन का भोजन और औषधियां बनानें में किया जाता है, जिसके कारण इसकी मांग वर्ष भर रहती है। यदि हम लहसुन के मार्केट रेट की बात करे, तो यह उत्पादन के ऊपर निर्भर करता है। इस वर्ष मौसम लहसुन की फसलों के अनुकूल होनें के कारण उत्पादन काफी अच्छा हुआ है।
प्रमुख मंडियों में आज लहसून के भाव (Lehsoon Bhav)
बैतूल मंडी लहसून का भाव
इंदौर मंडी लहसून का भाव
नोखा मंडी लहसून का भाव
धामनोद मंडी लहसून का भाव
बारां मंडी लहसून का भाव
मेड़ता मंडी लहसून का भाव
मंदसौर मंडी लहसून का भाव
खरगोन मंडी लहसून का भाव
नीमच मंडी लहसून का भाव
नागौर मंडी लहसून का भाव
हरदा मंडी लहसून का भाव
खिरकिया मंडी लहसून का भाव
आष्टा मंडी लहसून का भाव
कोटा मंडी लहसून का भाव
खंडवा मंडी लहसून का भाव
लहसून का निर्यात (Garlic Export)
विश्व में लहसुन उत्पादन के मामले में चीन पहले नंबर पर आता है, जबकि भारत दूसरे नंबर पर है। लहसुन का निर्यात अमेरिका, इंडोनेशिया, ताइवान, संयुक्त राष्ट्र संघ और नेपाल आदि देश सबसे अधिक करते है।
विदेशों में लहसुन का निर्यात चीन सबसे अधिक करता है। इस बार चीन में लहसुन का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है, जिसके कारण निर्यात में कमजोरी दिखाई पड़ सकती है, जो सीधे-सीधे मांग और खपत को ओर इशारा कर रही है।
भारत का चीन के बाद विश्व में क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान है जो क्रमशः 1.66 लाख हेक्टेयर और 8.34 लाख टन है। लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है।
इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में एक ऐलीसिन भी है जिसे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।
लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है तथा लहसून की खेती अब दुनिया भर में होती है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के अलावा, भारत 17,852 मीट्रिक टन (जिसका मूल्य 3877 लाख रुपये हैं) का निर्यात करता है। पिछले 25 वर्षों में भारत में लहसुन का उत्पादन 2.16 से बढ़कर 8. 34 लाख टन हो गया है।
लहसुन का भाव औसतन 9625 रुपये से लेकर 25000 रु तक है, जिसमे प्रतिदिन उतार चढाव देखने को मिलता है, किसानों की माने तो इस वर्ष लहसुन का भाव संतोषजनक रहा है।