मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India (SEBI) को मिडकैप और स्मॉलकैप में रिस्क बढ़ने का खतरा नजर आ रहा है। यही वजह है कि सेबी ने MF इंडस्ट्री से और डिस्क्लोजर मांगे हैं। बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर पर दबाव भी नजर आ रहा है। सेबी ने म्युचुअल फंड से ज्यादा नई जानकारी मांगी है। इस मामले में आखिर सेबी की सबसे बड़ी चिंता क्या है। इस पर ज्यादा जानकारी बताते हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी टीवी 18 की सुरभि उपाध्याय ने सूत्रों के हवाले से कहा कि SEBI के रडार पर स्मॉलकैप और मिडकैप फंड आ गये हैं। SEBI ने AMFI को चिट्ठी लिखकर चिंता जाहिर की है। AMFI ने सभी AMCs से और ज्यादा डिस्क्लोजर की मांग की है। सूत्रों के अनुसार AMFI ने AMCs से 4 तरह के डिस्क्लोजर मांगे हैं।
AMFI ने AMCs से ये चार डिस्क्लोजर मांगे हैं
1- फंड वैल्युएशन
सुरभि ने सूत्रों के हवाले से कहा कि फंड वैल्यूएशन के लिहाज से Blended indicative वैल्यूएशन की जानकारी देनी होगी।
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2- फंड लिक्विडिटी
सूत्रों का कहना है कि फंड लिक्विडिटी के बारे में भी सेबी ने जानकारी मांगी है। इसमें ये भी बताना होगा कि कितनी आसानी से निवेशक पैसा निकाल सकता है। इसके साथ ही कितनी जल्दी निवेशक पैसा निकाल सकता है, इस बारे में भी जानकारी देनी होगी। फंड की लिक्विडिटी का अनुमान वॉल्यूम और फ्री फ्लोट के आधार पर रोज करना होगा।
3- फंड में उतार-चढ़ाव
फंड में उतार-चढ़ाव के बारे में भी डिस्क्लोजर मांगा गया है। इस लिहाज से भी पोर्टफोलियो के ब्लेंडेड स्टैंडर्ड डेविएशन और बीटा बताना होगा। पोर्टफोलियो कंस्ट्रक्शन में लार्ज, मिड, स्मॉलकैप के मार्केटकैप का ब्रेकअप देना होगा।
4- दूसरे डिस्क्लोजर
सुरभि उपाध्याय ने ये भी कहा कि सूत्र बता रहे हैं कि 1 अप्रैल से नये डिस्क्लोजर नियम लागू होंगे। अचानक रिडम्प्शन आने पर रिस्क मैनेजमेंट का तरीका भी बताना होगा।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)