इस समय पूरे देश में मानसून सक्रिय हो चुका है और सभी राज्यों में लगातार बारिश का दौर भी शुरू हो चुका है। वहीं राजस्थान में भी इस समय मानसून सक्रिय है और सभी जिलों में बारिश होते हुए देखी जा सकती है। इस दौरान राजस्थान के अब तक 15 जिलों में भारी बारिश तथा बाकी जिलों में कुछ हल्की बारिश होने के आसार दिखाई दे रहे है।
15 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान के अनुसार फिलहाल राजस्थान में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे उत्तरी भागों के में बारिश से ज्यादा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। वही इसका असर दो से तीन दिन पूर्व राजस्थान के अधिकांश भागों में देखा गया हैं, जहां पर कहीं-कहीं बारिश बारिश और कहीं पर काफी ज्यादा बारिश होने की संभावना नजर आ रही है।
यह भी देखे:- बीच में पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले बच्चों और महिलाओं को सरकार का विशेष तोहफा, शुरू हुई शिक्षा सेतु योजना
आपको बता दे की शुक्रवार तक होने वाली बरसात को लेकर मौसम विभाग द्वारा कहीं जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विभाग केंद्र जयपुर की तरफ से राजस्थान में शुक्रवार से भीलवाड़ा बूंदी अजमेर जिला में गरज व बिजली के साथ अति बारिश होने की संभावनाएं जताई गई है। वहीं यहां पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसी तरह से 12 चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, सवाई, माधोपुर, प्रतापगढ़, कोटा, झालावाड़, तथा पश्चिमी राजस्थान के नागौर और पाली जिले में भी भारी बरसात बताई गई है।
यह भी देखे:- हर छात्र को मिलने जा रही 20 हजार की छात्रव्रत्ति, जाने क्या है, निषादराज छात्रवृत्ति योजना 2023, यहा से करे आवेदन
वही मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार बताया गया है कि, जोधपुर, जालौर, हनुमानगढ़, बीकानेर, सिरोही, सीकर, करौली, झुंझुनू, जयपुर और श्रीनगर में हल्की बरसात के साथ येलो अलर्ट जारी किया गया है।
यह भी देखे:- मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना, के तहत अब गो पालकों को दी जा रही है आर्थिक सहायता, इस तरह से ले योजना का तुरंत लाभ
2 जुलाई से मौसम बदलने की उम्मीद
इसके साथ ही आने वाले समय में 2 जुलाई से मौसम बदलने के बारे में भी मौसम विभाग द्वारा बताया गया है। उनके अनुसार पश्चिमी राजस्थान में 30 जून व 1 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की और मध्यम बारिश हो सकती है। वही दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गई। इसके बाद तीन जुलाई से लो प्रेशर एरिया राजस्थान पर बन रहा है, जिससे बारिश की गतिविधियों में भी कमी आ सकती है।