एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इंन इंडिया (AMFI) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को अपनी वेबसाइट पर रिस्क पैरामीटर्स के खुलासे को कहा है। म्यूचुअल फंड बॉडी AMFI ने इसकी एडवायजरी जारी कर दी है। सीएनबीसी-टीवी 18 की रिपोर्ट के मुताबिक AMCs अपनी-अपनी वेबसाइट्स पर स्मॉलकैप और मिडकैप इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम से जुड़े रिस्क पैरामीटर्स के खुलासे के लिए तैयार हैं। सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक एएमसी को स्ट्रेस टेस्ट के नतीजे और लिक्विडिटी, वोलैटिलिटी, वैल्यूएशन और पोर्टफोलियो टर्नओवर का खुलासा करना है।
कितने दिन के अंदर करना है खुलासा?
इन पैरामीटर्स का खुलासा हर दूसरे महीने के 15 दिन के भीतर करना है। इसका मतलब हुआ कि जैसे फरवरी 2024 के लिए खुलासा करना है तो 15 मार्च 2024 तक रिस्क पैरामीटर्स को अपनी-अपनी वेबसाइट पर डालना होगा। सीएनबीसी-टीवी 18 की रिपोर्ट के मुताबिक वेबसाइट पर स्टैंडर्ड डेविएशन, पोर्टफोलियो बीटा, पोर्टफोलियो ट्रेलिंग पीई और पोर्टफोलियो टर्नओवर की डिटेल्स डालनी होगी।
AMFI ने क्यों दिए AMC को ऐसे निर्देश
एएमएफआई ने 27 फरवरी को AMC को स्मॉल और मिडकैप फंड्स में निवेश मॉडेरेट करने और निवेशकों को बड़ी निकासी से बचाने को कहा है। इसकी वजह ये है भारी-भरकम निवेश ने इसके क्रैश होने की आशंका को बढ़ा दिया है। म्यूचुअल फंड बॉडी ने यह अनुरोध बाजार नियांक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से बातचीत के बाद किया है। स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में भारी-भरकम निवेश आ रहा है जिसने अथॉरिटी की चिंता बढ़ा दी है कि अगर तेज बिकवाली होती है तो ऐसी स्थिति में निवेशकों का क्या होगा।
आमतौर पर म्यूचुअल फंड अपने एसेट्स का 1-5 फीसदी कैश में रखते हैं ताकि निवेशक अगर निकासी करते हैं तो उन्हें पैसे मिल सके लेकिन इसकी कोई न्यूनतम नियामकीय सीमा नहीं है। अब स्मॉल-कैप फंड्स की बात करें तो इस फंड का कम से कम 65 फीसदी पैसा स्मॉल कैप स्टॉक्स में लगाया जाता है और बाकी 35 फीसदी या तो कैश में रहता है या लॉर्ज कैप स्टॉक्स में निवेश होता है। इसी प्रकार से मिड कैप फंड्स का भी पैसा निवेश होता है।
AMFI ने एएमसी को स्मॉलकैप-मिडकैप इनवेस्टर्स को नुकसान से बचाने के लिए पॉलिसी तैयार करने को कहा