नौतपा की विस्तृत जानकारी हम आपको अपने इस आर्टिकल में देगे. सूरज का इन नौ दिनों में तपना बहुत जरूरी है. सूर्य का 9 दिन तक तपना और लू चलना आवश्यक क्यों है और नौतपा के दौरान हमे क्या-क्या काम करना चाहिए? इसकी विस्तारित जानकारी हम अपने इस आर्टिकल में आपको जुटाएंगे.
दो मूसा, दो कातरा, दो तिड़ी, दो ताय।
दो की बादी जल हरै, दो विश्वर, दो वाय।।
नौतपा में सूर्य का तेज तपना और लू का चलना बहुत आवश्यक है. हर दिन का अपना अलग-अलग महत्व होता है. हम आपको नौ दिनों की अलग-अलग जानकारी जुटाएंगे. किसानों के लिए यह बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. नौतपा में अगर सूर्य न तपे, तो क्या होता है? इसकी जानकारी भी है हम आपको देंगे.
नौतपा मे क्या काम करना चाहिए ?
वर्ष 2024 में सबसे गर्म दिन 25 मई से 2 जून तक रहेगा। यानि नौतपा सूर्य का 9 दिन तक तपना और लू चलना 25 मई से 2 जून तक रहेगा। नौतपा के दौरान हमे क्या-क्या काम करना चाहिए इसकी पूरी जानकारी आपको निचे दि गई है.
- प्राचीन पौराणिक परंपराओं के अनुसार नौतपा के दौरान पेड़ पौधे ज्यादा से ज्यादा लगाने चाहिए।
- पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने से पितृ प्रसन्न होते है।
- इन दिनों जरुरमंद लोगों को ऐसी चीजों का दान करें जिनसे उन्हें गर्मी से छुटकारा मिले। गर्मी से छुटकारा मिलने वाली चीजे जैसे- पंखे का दान, घड़े का दान, कपड़े, चप्पल, अन्न, जल, सत्तू, पंखा, छाता अदि। ऐसा करने से आपको नवग्रहों का शुभ फल प्राप्त होता है.
- नौतपा में हमे हल्का भोजन करना चाहिए एव हल्के कलर के कपड़े पहनना चाहिए।
- खाली पेट घर से नही निकलना चाहिए और जरूरी कार्य होने पर ही घर से निकले। व्यर्थ में घर से बाहर नही निकलना चाहिए.
क्यों जरूरी है सूर्य का नौ दिनों तक तेज तपना और लू चलना?
- नौतपा Nautapa के पहले दो दिन सूर्य का तेज तपना बहुत आवश्यक है. अगर लू नहीं चलती है तो, चूहे बहुत ज्यादा हो जाएंगे. ज्यादा तापमान के कारण चूहो की संख्या में कमी आती है. लू नहीं चलने के कारण चूहो की संख्या बढ़ जाएगी इसके कारण, पहले दो दिन तक को चलना बहुत आवश्यक है.
- अगले दो दिन यानी तीसरे और चौथे दिन लू नहीं चली तो कातरा जो की फसल को चौपट करने वाला कीट होता है कातरा जो कि पूरी तरह से फसल को नष्ट कर देता है. तीसरे और चौथे दिन लू चलने के कारण कातरा खत्म हो जाता है. तीसरे और चौथे दिन लू चलना किसान साथियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. तीसरे और चौथे दिन लू के न चलने से टिड्डियो के अंडे नष्ट नहीं होंगे और टिड्डियो के अंडे नष्ट नहीं होने के कारण फसल को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियो की सख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी और किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है.
- अगले दो दिन तक सूर्य नहीं तपने से बुखार लाने वाले जीवाणु बढ़ जाएंगे. बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे जिससे बुखार ज्यादा आएगी जो आमजन के लिए बहुत बड़ी हानि है.
- इसके बाद दो दिन तक लूं नहीं चलने के कारण विश्वर यानी जहरीले जानवर जैसे सांप, बिच्छू आदि नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे. जिससे आमजन को बहुत हानि होगी.
- आखरी 2 दिन तक लूं नहीं चलने के कारण आंधियां अधिक चलेगी जिससे की फसलों को बहुत ज्यादा खराबा होगा. आंधियां चलने से फसले चौपट हो जाएगी इसलिए 9 दिन तक सूर्य का तपना और लू चलना बहुत आवश्यक है.
इस प्रकार नौतपा में सूर्य का नौ दिनों तक तेज तपना और लू का चलना बहुत आवश्यक है. नौ दिनों तक तेज तपने से बहुत अधिक फायदा होता है.
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