Premature redemption dates of Sovereign Gold Bonds announced | सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन तारीखों की घोषणा: 11 अक्टूबर से 7 फरवरी के बीच रीडीम कर सकेंगे, 8 साल में दिया 170% रिटर्न

Premature redemption dates of Sovereign Gold Bonds announced | सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन तारीखों की घोषणा: 11 अक्टूबर से 7 फरवरी के बीच रीडीम कर सकेंगे, 8 साल में दिया 170% रिटर्न
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मुंबई2 दिन पहले

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Premature redemption dates of Sovereign Gold Bonds announced | सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन तारीखों की घोषणा: 11 अक्टूबर से 7 फरवरी के बीच रीडीम कर सकेंगे, 8 साल में दिया 170% रिटर्न

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई 2017 और मई 2020 के बीच जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) को समय से पहले भुनाने (रीडीम) की तारीखों की घोषणा कर दी है। निवेशक इसे 11 अक्टूबर 2024 से 7 फरवरी 2025 के बीच रीडीम कर सकेंगे।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को केंद्र सरकार जारी करती है। इस पर सालाना 2.5% ब्याज मिलता है और सोने की कीमत जितनी बढ़ती है उसका भी फायदा मिलता है। गोल्ड बॉन्ड की अवधि 8 साल है, लेकिन जारी होने की तारीख से पांचवें साल के बाद इसे रिडीम किया जा सकता है।

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रिडेम्प्शन प्राइस: तीन बिजनेस डेज के एवरेज प्राइस से कैलकुलेशन
RBI रिडेम्प्शन डेट से पहले तीन दिन (बिजनेस) में 999 शुद्धता वाले सोने के क्लोजिंग प्राइस के औसत के आधार पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस कैलकुलेट करती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) यह जानकारी पब्लिश करता है।

उदाहरण के लिए, 23 अप्रैल 2024 के रिडेम्प्शन के लिए प्राइस 18, 19 और 22 अप्रैल, 2024 को सोने के एवरेज क्लोजिंग प्राइस पर बेस्ड था। यानी, इस बार अगर आप 12 नवंबर 2024 के लिए रिडेम्प्शन कर रहे हैं तो प्राइस 9, 10 और 11 नवंबर के क्लोजिंग प्राइस पर बेस्ड होगा।

रिडेम्प्शन प्रोसेस: रिक्वेस्ट NSDL, CDSL या RBI रिटेल डायरेक्ट के जरिए जमा करें
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के लिए, SGB होल्डर अपनी रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट NSDL, CDSL या RBI रिटेल डायरेक्ट के जरिए जमा करनी होगी। रिडेम्प्शन अमाउंड बॉन्ड के लिए आवेदन करते समय दिए गए ग्राहक के बैंक अकाउंट में जमा की जाएगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: 2015 में गोल्ड इंपोर्ट घटाने के मकसद से शुरू हुई
भारतीय रिजर्व बैंक ने फिजिकल गोल्ड का अल्टरनेटिव देने करने के लिए नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम का मकसद सोने की मांग को कम करना और आयात पर अंकुश लगाना भी था।

निवेश की लिमिट: अधिकतम 4 किलो सोने में कर सकते हैं इन्वेस्ट
SGBs के जरिए कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकता है। जॉइंट होल्डिंग के मामले में 4 KG की निवेश सीमा पहले आवेदक पर ही लागू होगी। वहीं किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है।

निवेश का फायदा: शुद्धता और सुरक्षा की चिंता नहीं, हरा साल ब्याज भी
SGBs में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट के रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है। इस पर सालाना 2.5% ब्याज मिलता है और सोने की कीमत जितनी बढ़ती है उसका भी फायदा मिलता है।

निवेश पर रिटर्न: 8 साल में 170% का रिटर्न, हर साल 2.5% ब्याज अलग
2015-16 में जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को लॉन्च किया गया था, तब इसका प्रति ग्राम भाव 2,684 रुपए था। इस पर 50 रुपए का डिस्काउंट था। यानी, भाव 2,634 रुपए हो गया था। अभी 999 शुद्धता वाले सोने का भाव 7,000 रुपए के करीब है। यानी 8 साल में में सोने ने करीब 170% का रिटर्न दिया है। इसके अलावा हर साल 2.5% का ब्याज भी मिला है।

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