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पेरिस2 दिन पहले
टेलीग्राम CEO पावेल डुरोव को बॉर्गेट एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
इंस्टेंट मैसेजिंग और कम्युनिटी ऐप टेलीग्राम के फाउंडर और CEO पावेल डुरोव को पेरिस के बाहर बॉर्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुरोव अपने प्राइवेट जेट से वहां पहुंचे थे। पावेल के खिलाफ पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
पावेल पर कंटेंट मॉडरेटशन में नाकाम रहने का आरोप है। इससे मैसेजिंग ऐप पर क्रिमिनल्स एक्टिविटीज को बेरोकटोक जारी रखने की परमिशन मिली। कंटेंट मॉडरेशन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से आपत्तिजनक या हानिकारक कंटेंट को देखने और उसे हटाने का प्रोसेस है।
यह ऑनलाइन सिक्योरटी का एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा है। फिलहाल टेलीग्राम या फ्रांस के सरकार या पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया है। गिरफ्तारी पर रूस के विदेश मंत्रालय ने सवाल किया है कि ‘क्या पश्चिमी NGO (नॉन-गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेशन) डुरोव की रिहाई की मांग करेंगे?’
कभी ISIS के लिए बना पसंदीदा ऐप
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2015 के पेरिस हमलों के लिए ISIS ने अपनी बात पहुंचाने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल किया था। इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में पावेल ने कहा था कि ‘मुझे लगता है कि गोपनीयता का अधिकार, आतंकवाद जैसी बुरी घटनाओं के प्रति हमारे डर से ज्यादा महत्वपूर्ण है।’
अक्टूबर 2015 तक ISIS के चैनल पर 9 हजार तक फॉलोअर्स हो गए थे। नवंबर 2015 में टेलीग्राम ने ISIS के प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 78 चैनलों को ब्लॉक कर दिया था।
रूस के मार्क जुकरबर्ग कहे जाने वाले पावेल दुरोव हमेशा काले रंग का ही कपड़ा पहनते हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने देश को टेलीग्राम पर संबोधित किया था
रूस के रहने वाले पावेल दुरोव और उनके भाई निकोलाई दुरोव ने 2013 में टेलीग्राम शुरू किया। लॉन्चिंग के 11 साल में इसे 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
भारत, इंडोनेशिया और रूस के लोगों ने इसे सबसे ज्यादा इंस्टॉल किया है। 2022 में रूस के साथ संघर्ष के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित करने के लिए टेलीग्राम का ही इस्तेमाल किया था।
जासूसी से बचने के लिए हुई टेलीग्राम की शुरुआत
VK कंपनी में चल रहे विवाद के दौरान ही पावेल ने टेलीग्राम तैयार कर लिया था। इसकी शुरुआत एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सिस्टम के रूप में हुई थी। इसकी स्थापना इसलिए की गई थी ताकि रूसी सुरक्षा एजेंसी की जासूसी के बिना वे आपस में बात कर सकें।
टेलीग्राम 14 अगस्त 2013 को iOS और 20 अक्टूबर 2013 को एंड्रॉयड के लिए लॉन्च किया गया। इसके लिए फंड और इन्फ्रास्ट्रक्चर पावेल ने दिया था। पिछली कंपनी के शेयर बेचने पर जो पैसे मिले थे, सब कुछ टेलीग्राम में लगा दिया। उनके भाई निकोलाई ने कोडिंग पर ध्यान दिया।
अक्टूबर 2013 तक ऐप पर 1 लाख डेली एक्टिव यूजर हो गए। मार्च 2014 तक टेलीग्राम पर 3.5 करोड़ मंथली और 1.5 करोड़ डेली एक्टिव यूजर हो गए। 2016 तक ऐप पर हर दिन 1500 करोड़ मैसेज का फ्लो होने लगा।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र है कि रूस से निकलने के बाद शुरुआती कुछ साल में पावेल ने अपने 15 एम्प्लॉई के साथ कई देशों में सफर किया। जिसके बाद 2017 में दुबई में अपना हेडक्वार्टर स्थापित किया। लिंक्डइन पर टेलीग्राम के ऑफिशियल पेज के मुताबिक कंपनी में आज भी 50 से कम एम्प्लॉइज है।
प्रॉफिट नहीं बनाने के बावजूद सर्विस जारी
कंपनी की लॉन्चिंग के लगभग 7 साल बाद यानी 2020 तक कंपनी कुछ भी प्रॉफिट नहीं बना पा रही थी। इसके बावजूद कंपनी ने अपनी सर्विस में कमी नहीं आने दी। कंपनी ने 2022 में प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस लॉन्च की। एक महीने के अंदर 1 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ले लिया। इसके बाद से कंपनी के रेवेन्यू में तेजी आई।
कंपनी के फाउंडर पावेल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगले साल तक टेलीग्राम प्रॉफिटेबल हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कंपनियों ने टेलीग्राम को खरीदने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए तक का वैल्यूएशन लगाया था, लेकिन उन्होंने कंपनी बेचने से इनकार कर दिया। कंपनी का मौजूदा रेवेन्यू लगभग 600 करोड़ रुपए है।
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