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मुंबई22 घंटे पहले
पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा। (फाइल फोटो)
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा और नवंबर 2021 में IPO की पेशकश के दौरान बोर्ड में शामिल सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस IPO लाने के दौरान तथ्यों को गलत तरीके से पेश किए जाने के आरोपों से जुड़ा हुआ है।
पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का शेयर नवंबर 2021 में लिस्ट हुआ था। मनीकंट्रोल ने लोगों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। SEBI ने यह जांच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के जानकारियों के आधार पर शुरू की है। रिपोर्ट के अनुसार, मामले में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस साल की शुरुआत में ही RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच की थी।
पेटीएम का शेयर करीब 5% गिरा
पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का शेयर आज 4% से ज्यादा की गिरावट है। पिछले 5 दिन में इसके शेयर में 8.59%, 1 साल में 40.06% और इस साल अब तक 18.10% का निगेटिव रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले 1 महीने में इसके शेयर ने 3.95% और 6 महीने में 23.60% की तेजी देखने को मिली है।
SEBI ने पहले डायरेक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया था
इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि जब IPO के लिए डॉक्यूमेंट भेजे गए थे तो विजय शेखर शर्मा के पास कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल था ना कि वह एम्प्लॉई थे। इसीलिए SEBI ने उस समय कंपनी के उन डायरेक्टर्स को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिन्होंने विजय शेखर शर्मा के स्टैंड का समर्थन किया था।
शेयर की लिस्टिंग के बाद शर्मा एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOp) के लिए अयोग्य हो गए क्योंकि SEBI के नियमों के मुताबिक, IPO आने के बाद प्रमोटर्स को ESOp नहीं मिलता है।
डायरेक्टर्स ने अपना काम सही से नहीं किया
शेयर की लिस्टिंग के बाद शर्मा एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOp) के लिए अयोग्य हो गए क्योंकि SEBI के नियमों के मुताबिक, IPO आने के बाद प्रमोटर्स को ESOp नहीं मिलता है। SEBI पहले भी कंपनी के डायरेक्टर्स पर कार्रवाई कर चुका है। तब ये मामले वित्तीय हेराफेरी से जुड़े थे। लेकिन ताजा मामला काफी रेयर है। जब SEBI डायरेक्टर्स पर यह आरोप लगा रहा है कि उन्होंने ने अपना काम ठीक से नहीं किया। और ना ही मर्चेंट बैंकर्स और ऑडिटर ने इस तरफ ध्यान दिलाया।
IPO डॉक्यूमेंट दाखिल करने से पहले शर्मा ने हिस्सेदारी ट्रांसफर की
रिपोर्ट के अनुसार, जब तक कोई कंपनी खुद को प्रोफेशनली मैनेज्ड की कैटेगरी में नहीं रखती तब तक यही माना जाता है कि उस लिस्टेड कंपनी को प्रमोटर ही चला रहे हैं। कोई कंपनी प्रोफेशनली मैनेज्ड तभी मानी जाती है जब उसके किसी भी शेयरहोल्डर्स के पास 10% से ज्यादा हिस्सेदारी ना हो। इसके साथ ही किसी भी एक शेयरहोल्डर्स के पास नियंत्रण का अधिकार भी नहीं होना चाहिए।
पेटीएम के मामले को देखा जाए तो IPO के लिए डॉक्यूमेंट दाखिल करने से पहले विजय शेखर शर्मा ने अपनी 5% हिस्सेदारी एक फैमिली ट्रस्ट Vss होल्डिंग्स को ट्रांसफर कर दिया था। इससे पहले वन97 कम्युनिकेशंस में शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 14.6% हिस्सेदारी थी, जो कम होकर 9.6% रह गई। नियमों के मुताबिक, शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 10% से कम हो गई।
एक्सचेंज फाइलिंग में बोला पेटीएम – यह कोई नई बात नहीं
पेटीएम ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा – हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि यह कोई नई बात नहीं है, कंपनी ने 31 मार्च 2024 को खत्म तिमाही और वर्ष के साथ-साथ 30 जून 2024 को खत्म तिमाही के अपने फाइनेंशियल रिजल्ट में इस मामले पर पहले ही खुलासे कर दिए हैं। कंपनी SEBI के साथ नियमित रूप से संपर्क में है।
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