गिन्नी घास पशुचारे के लिए बहुत ही ज्यादा बार ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म है जो, गर्मियों के दिनों में भी चारे की कमी नहीं आने देती है. खेती पशुपालकों के लिए यह बहुत ही बढ़िया किस्म मानी जाती है. एक हेक्टेयर में 200 क्विंटल से भी ऊपर चारे का उत्पादन कर सकते हैं. इस कम सिंचाई में भी उगा सकते हैं और पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था कर सकते हैं. अब गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है एवं इसमें पशुपालकों को हरे चारे की जरूरत होती है लेकिन, तेज धूप के कारण हरे चारे की कई किस्मे अच्छी पैदावार नहीं दे पाती है.
इस मौसम में गिनी घास पशुओं के लिए बहुत ही बढ़िया विकल्प हो सकती है. इस घास को सिंचाई की भी कम जरूरत होती है एवं हल्की नमी की व्यवस्था होने पर भी यह अच्छी बढ़वार के साथ उत्पादन देती है. इसमें प्रोटीन की मात्रा एवं फास्फोरस की मात्रा भी अच्छी होती है. मैग्नीशियम और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा इस घास में पाई जाती है. पशुओं के पचने की क्षमता में भी यह अच्छी साबित हुई है. इससे पशुओं का विकास एवं दूध बढ़ाने में भी मदद मिलती है.
गिन्नी घास guinea grass की खेती
गिन्नी घास की खेती करने के लिए हम बीज द्वारा गिनी घास उग सकते हैं एवं बीज की बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा तने भी घास उगाने में सही रहता है. तना एवं जड़ वाली विधि सबसे बढ़िया मानी जाती है क्योंकि, इसमें पौधे से पौधे की दूरी में उचित गैप रखने के लिए काफी आसानी मिलती है. एक हेक्टेयर में अगर हम गिन्नी घास की बुवाई करते हैं तो, 200 क्विंटल से भी ज्यादा चारा हमें मिल सकता है.
एक हेक्टेयर में बीज की बुवाई करने के लिए तीन-चार किलो बीज की नर्सरी तैयार करनी पड़ती है. अप्रैल एवं मई महीने में क्यारिया बनाकर इसकी नर्सरी बनाई जाती है. इसमें गोबर वह कंपोस्ट की खाद डालकर इसे बढ़िया तरीके से तैयार किया जाता है. इसमें सिंचाई की व्यवस्था भी करनी पड़ती है. गर्मियों के मौसम में गिनी घास guinea grass से अच्छी पैदावार मिलती है.
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