सरसों भाव पिछले सप्ताह सोमवार को जयपुर सरसों 6100 रुपये पर खुली और शनिवार शाम को 6100 रुपये पर बंद हुई। पिछले सप्ताह के दौरान सरसों की सीमित मांग के कारण मिलाजुला रुख दर्ज किया गया। मई में पूरे सीजन में तेजी का रुख दिखाने के बाद सरसों की चाल धीमी पड़ गई। मई माह में निचले स्तरों से करीब 1000 रुपये की तेजी देखने को मिली। पिछले साल पूरे सीजन के दौरान सरसों में 1000 रुपये की तेजी देखने को मिली थी, जो इस साल मई में देखने को मिली। ऐसे में अब सरकारी एजेंसियों ने भी बिकवाली शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक हाफेड ने कम मात्रा में बोलियां पास की हैं और नैफेड की बिकवाली अभी शुरू नहीं हुई है।
सरसों भाव तेजी-मंदी रिपोर्ट
तेल और खली के भाव अब सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हैं, जिससे सरसों भाव mustard price की तेजी पर अंकुश लगा है। जयपुर कच्ची घानी अब 1140-1210 के बीच कारोबार करती नजर आएगी। वहीं खली के भी ऊपर 2850 और नीचे 2750 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है। नैफेड द्वारा जून के अंत तक बिकवाली शुरू करने की भी चर्चा है। नैफेड की बिकवाली से गिरावट की गुंजाइश कम है, लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। जयपुर सरसों फिलहाल 6050-6300 के बीच कारोबार कर सकती है जिसमें, सिर्फ कारोबार हो सकता है।
सरसों के भाव वर्तमान में ऊंचाई पर बने हुए है जिनके पास अभी स्टॉक है उन्हें 100-150 की तेजी पर स्टॉक बेचने का मौका तलाशना चाहिए। यहां से सरसों अब 250-300 रुपए के सीमित दायरे में गिरेगी। इसमें तेजी का रुख देखने को मिलेगा जो कारोबार के लिए अनुकूल है। दिपावली से पहले निचले स्तरों पर तेजी का रुख देखने को मिल सकता है।
सरसों भाव में मई में क्यों आई अचानक तेजी?
नाफेड हैफेड की बड़ी सरसों खरीद के कारण सरसों भाव में तेजी की लहर उमड़ी। मंडियों में सरसों की आवक को अपने गोदाम में डालने की कोशिश ही मई में सरसों काम्प्लेक्स में बड़ी तेजी की वजह बनी। हरियाणा में हैफेड ट्रेडर्स से सरसों की खरीद करता है। ट्रेडर्स हैफेड को सरसों एडवांस में लिखवा देते हैं एवं बाद में मंडी में कवर करके हैफेड को डिलीवरी देते हैं। इस सीजन के शुरू में ही सरसों MSP बहुत सस्ती थी इसके कारण ट्रेडर्स ने बड़े वॉल्यूम कमिट किये।
मुनाफा ज्यादा मिल रहा था इसलिए राजस्थान और यूपी के ट्रेडर्स की सारी सरसों हरियाणा में ही बचने के लिए प्रेरित किया। मार्केट में सरसों का भाव हर रोज बढ़ चढकर बनता गया। मार्केट में लगा की हरियाणा में ट्रेडर्स रिफंड को डिलीवरी अभी और ज्यादा बाकी है। पहले सरसों की MSP नीचे थी और रिफंड ट्रेडर्स को बहुत मार्जिन था तब सरसों हाथ से निकल गई। हैफेड को डिलीवरी रुक गई। नाफेड हैफेड की बड़ी सरसों खरीद ही सरसों काम्प्लेक्स में बड़ी तेजी की वजह बनी।
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