जीरे की बुवाई ज्यादा होने के कारण कई खरीददारो मानना है कि, जीरा भाव में ज्यादा बुवाई होने के कारण गिरावट चल रही है. रबी सीजन के दौरान जीरे की बुवाई आज से 4 साल पहले कम थी और अब जीरे की बुवाई बहुत ही ज्यादा देखने को मिल रही है. किसानों ने जीरे की खेती का बहुत ही विस्तार किया है. गुजरात में जीरा की खेती 160% बढ़कर 5. 60 लाख हेक्टर हो गई है जो, पहले से 3.5 लाख हेक्टर ज्यादा है. राजस्थान में जीरा की खेती पिछले वर्ष की तुलना में 25% बढ़कर 6.90 लाख हेक्टर तक पहुंच गई है.
जीरे की खेती का बहुत ही विस्तार
गुजरात में जीरा की खेती 160% बढ़कर 5. 60 लाख हेक्टर हो गई है जो, पहले से 3.5 लाख हेक्टर ज्यादा है. राजस्थान में जीरा की खेती पिछले वर्ष की तुलना में 25% बढ़कर 6.90 लाख हेक्टर तक पहुंच गई है. रकबे में बढ़ोतरी होने के कारण राजस्थान और गुजरात में मौसम के खराब होने के कारण जीरे की कीमत गिरावट में दिखाई दे रही है एवं पैदावार पर भी इसका असर पड़ा है. कम पानी के होने ठंड कम होने आदि के कारण उत्पादन पर इसका असर देखने को मिला है.
भारतीय जीरे की मांग विदेश में जो ज्यादा थी उसमें भी गिरावट देखने को मिल रही है क्योंकि विदेशों में सीरिया और तुर्की जैसे देश भारतीय जिले को प्राथमिकता दे रहे हैं. अप्रैल 2023 के निर्यात के आंकड़ों में 29.95% की गिरावट आई है जो, अपने आप में एक चुनौती पूर्ण संकेत है. नवंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2023 में जीरे की निर्यात में 51.05% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जीरा भाव में गिरावट होने के कारण वर्तमान में 20,500 रूपये प्रति क्विंटल से लेकर 29,500 रूपये प्रति क्विंटल के बीच भाव डगमगाता नजर आ रहा है. भविष्य में निर्यात बढ़ने से भाव में भी कुछ हलचल देखने को मिल सकती है.
यह भी देखे:- RBI का क्रेडिट कार्ड को लेकर आया नया नियम, जाने इसमें आपका होने वाला फायदा कितना है,,
01 बीज से होंगे 01 लाख दाने, किसानों का ATM है यह फसल, देखे इसके फायदे और इसका जबरदस्त प्रॉफिट
अस्वीकरण:- हमारे पोर्टल Mnadinews.org पोर्टल पर बताये गये समस्त भाव की जानकारी मिडिया स्त्रोत और अन्य ऑनलाइन प्रक्रिया से एकत्रित किये जाते है. हमारा पोर्टल किसी लाभ अथवा हानि की जिमेदारी नहीं लेता. धन्यवाद