ग्वार की टॉप किस्मे जो आपको शुष्क व अर्द्ध शुष्क क्षेत्र में भी खेती करने पर बहुत ही बढ़िया उत्पादन दे सकती हैं. ग्वार की सबसे ज्यादा खेती राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में की जाती है. अकेले राजस्थान में 70% से अधिक ग्वार का उत्पादन किया जाता है. 70% से अधिक बुवाई अकेले राजस्थान में ही की जाती है. ग्वार फसल की बढ़िया उत्पादन देने वाली उन्नत किस्म के बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे. ग्वार की फसल ग्वार की टॉप किस में जो की, बुवाई से 70 से 90 दिनों में ही तैयार हो जाती है.
ग्वार का उपयोग व ग्वार के लिए अनुकूल मौसम
ग्वार का उपयोग पशुओं को चारा देने में किया जाता है. ग्वार का चारा देने से पशुओं में प्रोटीन एवं प्रकार की कमियां नहीं आती है. भारत में विश्व में सबसे अधिक ग्वार की फसल उगाई जाती है. दलहनी फसलों में भी ग्वार का महत्वपूर्ण योगदान है. ग्वार की बुवाई राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है. अकेले राजस्थान में 70% से अधिक बुवाई की जाती है. ग्वार की बुवाई करने के लिए मौसम का अनुकूल होना जरूरी है.
मौसम के साथ-साथ मिट्टी एवं वातावरण का भी अहम योगदान रहता है. ग्वार में ज्यादा तापमान होने से उत्पादन पर इसका असर देखने को मिलता है एवं उत्पादन कम होता है. ग्वार के लिए कम तापमान वाले क्षेत्र एवं तापमान वाले क्षेत्र मिट्टी अगर देखा जाए तो गदर जमीन में ग्वार अच्छा होता है. इसके अलावा ग्वार के उत्पादन के लिए बीज की क्वालिटी Top varieties of guar भी बढ़िया होना आवश्यक है.
ग्वार की टॉप किस्मे Top varieties of guar
ग्वार की टॉप किस्मो में आर जी-सी-1038 ग्वार की किस्म है. इस किस्म को पकाने में 100 दिन की अवधि लगती है. पौधे की पत्तियां खुरदरी एवं काटने वाली होती है. वह इस किस्म का उत्पादन 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टर होता है. इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता दर्शाती है. इस किस्म की कतार से कतार की दूरी 40 सेमी एवं पौधों के मध्य की दूरी 35 सेमी रखनी चाहिए.
एच-जी-220 ग्वार की किस्म भी अच्छी मानी जाती है. इसकी पत्तियां खुरदरी फलिया लंबी एवं दाने मोटे होते हैं. इस किस्म को पकाने के लिए 85 से 100 दिन का समय लगता है एवं पैदावार भी 7 क्विंटल से 9 क्विंटल प्रति एकड़ है. इस किस्म में जड़ गलन, अल्टरनरिया एवं जीवाणु पत्ता आंगनड़ी रोग की प्रतिरोधी क्षमता भी पाई गई है.
आर-जी-सी-1031 इस किस्म को पकाने के लिए 100 से 110 दिन का समय लगता है. इसकी उत्पादन क्षमता 10 क्विंटल से 15 क्विंटल प्रति हेक्टर है. इस किस्म में भी फलियां की लंबाई अच्छी होती है एवं दाना भी माध्यम होता है. यह किस्म भी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी दर्शाती है. इस किस्म से भी आप अच्छी पैदावार ले सकते हैं. इसके अलावा भी बाजारों में बहुत सी गवार की अच्छी टॉप किस्म उपलब्ध है. किसानों को किसी भी फसल की बुवाई के समय बीज का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिससे कि, उत्पादन अच्छा हो सके.
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